(7)
जाते हो ? अच्छा जाओ ,
यह निष्ठरता हमने जानी
फिर क्यों ठहरे थे अब तक
यह सुनने को राम कहानी ?
यह आर्द्र कथा हमारी ,
अब तुमको है नहीं सुनानी ।
अब मेरा ही दिल होगा ,
औ ' होगी फिर करुण कहानी ।
" शुक्र गृह और मन" क्रम 1 से 7 तक में शुक्र गृह
को देखकर मन में उत्पन्न विचारों को शब्दों में
पिरोने का प्रयास किया गया है।
जाते हो ? अच्छा जाओ ,
यह निष्ठरता हमने जानी
फिर क्यों ठहरे थे अब तक
यह सुनने को राम कहानी ?
यह आर्द्र कथा हमारी ,
अब तुमको है नहीं सुनानी ।
अब मेरा ही दिल होगा ,
औ ' होगी फिर करुण कहानी ।
" शुक्र गृह और मन" क्रम 1 से 7 तक में शुक्र गृह
को देखकर मन में उत्पन्न विचारों को शब्दों में
पिरोने का प्रयास किया गया है।