याद कितनी आ रही है !
मुख- मधुरिमा वह कि ज्यों
नभ में छिटकती चांदनी है,
और वह विहँसन ,कि सकुची
लाज से मंदाकिनी है,
आज खोये से ह्रदय में
हूक बन तड़पा रही है।---याद
वे अधर रक्तिम कि जिन पर
झूमती वाणी ठिठकती ,
चिर नई मुस्कान जिनको
चूमने आती ललकती ,
प्यार की वह बात पहली,
गीत बनकर छा रही है ।---याद
नैन निर्मल-नील नभ से
और कितनी विशद चितवन,
दो नयन बस दो नयन वे
देखता है आज जीवन ,
पी लिया पीयूष फिर भी
प्यास बढ़ती जा रही है ।---याद
मिलन की पहली घड़ी वह
और पहला मधुर चुम्बन ,
याद फिर फिर आ रहे हैं
आज मादक बाहु-बन्धन,
बाट निरखूँ प्रतिक्षण क्या
फिर घड़ी वह आ रही है ?---याद
मुख- मधुरिमा वह कि ज्यों
नभ में छिटकती चांदनी है,
और वह विहँसन ,कि सकुची
लाज से मंदाकिनी है,
आज खोये से ह्रदय में
हूक बन तड़पा रही है।---याद
वे अधर रक्तिम कि जिन पर
झूमती वाणी ठिठकती ,
चिर नई मुस्कान जिनको
चूमने आती ललकती ,
प्यार की वह बात पहली,
गीत बनकर छा रही है ।---याद
नैन निर्मल-नील नभ से
और कितनी विशद चितवन,
दो नयन बस दो नयन वे
देखता है आज जीवन ,
पी लिया पीयूष फिर भी
प्यास बढ़ती जा रही है ।---याद
मिलन की पहली घड़ी वह
और पहला मधुर चुम्बन ,
याद फिर फिर आ रहे हैं
आज मादक बाहु-बन्धन,
बाट निरखूँ प्रतिक्षण क्या
फिर घड़ी वह आ रही है ?---याद