सो रहा जीवन जगा दो
शून्य अनगिन स्वर प्रकम्पित
ज्योति का श्रंगार कन कन,
पर विकल कम्पन ह्रदय के
बोल बिन बेबस अकिन्चन ,
प्राण के इकतार पर बस,
एक ज्योतित स्वर सजादो.
पीर की उमठन ह्रदय में
सिंधु का क्रंदन मचलता ,
इंन्दु का उल्लास बेकल
धडकनों में आ छलकता,
हर खुशी हर आह में,
संगीत जीवन का बहा दो.
तडफ़ते तूफान बंदी
मौन कारा साधना में,
गीत विह्वल कंठ कुंठित
प्राण व्याकुल कामना में,
मुक्त कर दो स्त्रोत बंधन ,
एक नूतन गान गा दो .
शून्य अनगिन स्वर प्रकम्पित
ज्योति का श्रंगार कन कन,
पर विकल कम्पन ह्रदय के
बोल बिन बेबस अकिन्चन ,
प्राण के इकतार पर बस,
एक ज्योतित स्वर सजादो.
पीर की उमठन ह्रदय में
सिंधु का क्रंदन मचलता ,
इंन्दु का उल्लास बेकल
धडकनों में आ छलकता,
हर खुशी हर आह में,
संगीत जीवन का बहा दो.
तडफ़ते तूफान बंदी
मौन कारा साधना में,
गीत विह्वल कंठ कुंठित
प्राण व्याकुल कामना में,
मुक्त कर दो स्त्रोत बंधन ,
एक नूतन गान गा दो .